किसी प्रकार की नहीं रोक , फिर भी नहीं अनुमति.. संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने राज्यपाल से की मुलाकात , खोला कच्चा चिट्ठा माउंट आबू संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात कर उन्हें शहर की प्रमुख समस्याओं से अवगत करवाते हुए समाधान की मांग की है । ज्ञापन के अनुसार आबू पर्वत का मास्टर प्लान (2030) वर्ष 2015 में लागू हो चुका है उसके उपरांत भी नए निर्माण की स्वीकृति यहां आज तक आम लोगों , मूल निवासियों को नहीं दी गई है जो संविधान के अनुच्छेद 21 राइट टू लाइवलीहुड का उल्लंघन है । रोटी कपड़ा और मकान नागरिकों के मूलभूत अधिकार हैं उसके उपरांत भी घर बनाने की अनुमति नहीं दी जा रही है । परिवार बढ़ने के कारण आम व्यक्ति को अपने बच्चे की शादी विवाह में समस्याएं आ रही हैं । घर बनाने की अनुमति न मिलना मौलिक अधिकारों पर कुठाराघात है । आबू पर्वत में इको सेंसेटिव जोन पर सर्वोच्च न्यायालय , एनजीटी और उच्च न्यायालय जोधपुर का नवनिर्माण पर किसी प्रकार की कोई रोक नहीं है , उसके बाद भी अधिकारियों द्वारा यहां के मूल निवासियों को प्रकरण न्यायालय में लंबित होने का कह कर भ्रमित किया जा रहा ह...
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