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पांडव भवन में आयोजित हुआ कार्यक्रम

आत्मदीप से समाप्त होगी चित्त की नकारात्मक वृत्तियां माउंट आबू प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने कहा कि मन के तिमिर को समाप्त करने के लिए आत्मदीप को निरंतर प्रज्जवलित करने की जरूरत है। दृढ़ संकल्प के साथ हम अपनी दिनचर्या के हर कार्य में अध्यात्म को जोडऩे का सूत्र सीख लें तो निश्चित रूप से जीवन में अविनाशी शांति परछाई की तरह सदा साथ रहेगी। यह उद्गार उन्होंने संगठन के अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय पांडव भवन में आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि त्यौहारों के वास्तविक रहस्य को समझने से आत्मदीप जलाकर चित्त की नकारात्मक वृत्तियों को शान्त किया जा सकता है। मनुष्य चोले में मौजूद चेतना की शक्तियों को जागृत करने के लिए आत्मज्ञान से स्वयं को भरपूर करना होगा। संगठन की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी जयंती बहन ने कहा कि बिना किसी अर्थ के बीती बातों का चिन्तन करने से ही जीवन में तनावजन्य परिस्थितियां पैदा होती हैं। स्वयं की आत्मिक शक्तियों पर ध्यान केन्द्रित करने से मन का अंधकार समाप्त हो जाता है। मन की अदम्य शक्तियां जागृत होने स...