आबू पर्वत, 27 अगस्त, वित्त समिति की प्रथम बैठक मे समिति सदस्य एवम भाजपा से वार्ड संख्या 10 के पार्षद श्री मंगल सिंह ने पालिका राजस्व मे इज़ाफ़े के लिए आधुनिक तिब्बती मार्केट के किराए को बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है । उनके अनुसार राज्य की सबसे पुरानी व धनी नगरपालिकाओं मे शुमार आबू पर्वत नगरपालिका के कोश मे अभी लगभग 1.5 करोड़ राशि मौजूद है जिसे बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की अवश्यकता है ।
पार्षद मंगल सिंह के अनुसार पालिका द्वारा लगभग 6 महीने या 1 साल की अवधि पर नक्की मार्केट, एम के चौराहे , सनसेट, कैबिन लाइन आदि स्थानों से स्थानीय फूटपाथ विक्रेताओं हटाया जाता है जबकि पिछले कई दशकों से तिब्बती मार्केट एक ही स्थान पर जमा हुआ है । शहर मे मौजूद बाज़ारों, दूकानों इत्यादि मे जहां स्थानीय लोगों को अपनेपन के साथ खरीददारी मे छूट दी जाती है वहीं तिब्बती मार्केट मे स्पष्ट व्यवसायिक व्यवहार होता है और स्थानीय क्रेताओं व पर्यटकों से एक ही कीमत वसूली जाती है ।
पिछले लंबे समय से तिब्बती मार्केट का किराया मात्र 1100 रूपय प्रतिमाह है जबकि एक आम जींस पेंट 1200 से 1500 रूपय की बेची जाती है । मंगल सिंह ने स्थानीय उपेक्षित विक्रेताओं ( स्ट्रीट वेंडर्स ) के लिए भी इसी प्रकार से प्रमुख पर्यटक आवाजाही मार्ग पर स्थायी रूप से कैबिन दिलाने, इंडियन मार्केट विकसित करने की बात कही जिससे की स्थानीय लोगों को भी शरणार्थियों की तरह उम्दा रोजगार प्राप्त हो और नगरपालिका को भी उचित राजस्व की प्राप्ति हो ।
पार्षद मंगल सिंह के अनुसार पालिका द्वारा लगभग 6 महीने या 1 साल की अवधि पर नक्की मार्केट, एम के चौराहे , सनसेट, कैबिन लाइन आदि स्थानों से स्थानीय फूटपाथ विक्रेताओं हटाया जाता है जबकि पिछले कई दशकों से तिब्बती मार्केट एक ही स्थान पर जमा हुआ है । शहर मे मौजूद बाज़ारों, दूकानों इत्यादि मे जहां स्थानीय लोगों को अपनेपन के साथ खरीददारी मे छूट दी जाती है वहीं तिब्बती मार्केट मे स्पष्ट व्यवसायिक व्यवहार होता है और स्थानीय क्रेताओं व पर्यटकों से एक ही कीमत वसूली जाती है ।
पिछले लंबे समय से तिब्बती मार्केट का किराया मात्र 1100 रूपय प्रतिमाह है जबकि एक आम जींस पेंट 1200 से 1500 रूपय की बेची जाती है । मंगल सिंह ने स्थानीय उपेक्षित विक्रेताओं ( स्ट्रीट वेंडर्स ) के लिए भी इसी प्रकार से प्रमुख पर्यटक आवाजाही मार्ग पर स्थायी रूप से कैबिन दिलाने, इंडियन मार्केट विकसित करने की बात कही जिससे की स्थानीय लोगों को भी शरणार्थियों की तरह उम्दा रोजगार प्राप्त हो और नगरपालिका को भी उचित राजस्व की प्राप्ति हो ।
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