आबू पर्वत | 08.01.2021 | पूर्व नगरपालिका पार्षद प्रवीण आलिका व सूरज कुमार ने तिब्बती शरणार्थियों द्वारा भारत सरकार के अनुबंध की खुली अवहेलना के संबंध मे पालिका आयुक्त व अध्यक्ष को ज्ञापन दिया है । ज्ञापन मे गंभीर आरोपों के साथ उल्लेख है की पिछले 15 वर्षों से तिब्बती शरणार्थी आबू पर्वत मे स्थायी रूप से केबिन लगाकर व्यवसाय कर रहे हैं जबकि भारत सरकार के अनुबंध के अनुसार इन्हें अस्थाई व्यवसाय व निवास की ही अनुमति है । पूर्व मे जब ये आबू पर्वत आते थे तब इन्हें व्यवसाय हेतु 3 बाय 4 फुट के पलंग पटरी पर , सर्दियों मे 2 माह व गर्मियों मे 2 माह अलग अलग फुटपाथ पर बैठाया जाता था ।
धीरे धीरे षडयंत्रवश पालिका द्वारा इन्हें पक्के केबिन , बिजली व अन्य सुविधाएं मुहैया करवाने मे सहयोग किया गया जबकि यह भूमि इसाई कब्रिस्तान के वाहन पार्किंग के काम आती थी । पूर्व मे पालिका बोर्ड द्वारा इन्हें हटाने का प्रस्ताव पारित किया गया और किराया लेना बंद कर दिया गया । बोर्ड के प्रस्ताव की सरासर अनदेखी करते हुए , तत्कालीन पालिकाअधिकारियों व कर्मचारियों की साँठ गांठ से पुनः उनका किराया जमा करवाया गया ।
जिला कलेक्टर द्वारा उक्त स्थान से इन्हें हटाने हेतु आदेश जारी किया गया जिसकी प्रतिलिपि पालिका कार्यालय मे मौजूद है । इसके बावजूट कोई कार्यवाही नहीं की गई जो तत्कालीन नगरपालिका अधिकारियों व कर्मचारियों की संभावित मिलीभगत व भ्रष्टाचार पर शोध का विषय है ।
ज्ञापन मे स्पष्ट आरोप है की तिब्बती शरणार्थियों को नगरपालिका द्वारा स्थायी राशन कार्ड जारी किए गए हैं जबकि इन्हें अस्थाई राशन कार्ड , अस्थाई व्यवसाय व अस्थाई निवास की ही अनुमति है । अनुबंध के अंतर्गत 10 से 15 व्यक्तियों को अलग अलग स्थान पर व्यवसाय की अनुमति थी जबकि आज ये स्थिति है की 25 से 30 स्थायी केबिनो वाला सम्पूर्ण बाज़ार ही तैयार हो चुका है जिनमे देसी उत्पादों को विदेशी बताकर खरीददारों को भ्रमित कर भारी रकम वसूली जा रही है । नियमों के अनुसार इन्हें केवल गृह उधोग द्वारा निर्मित वस्तुएँ बेचने की ही अनुमति है ।
ज्ञापन मे माननीय एसीजीएम न्यायालय द्वारा पूर्व मे जारी यथास्थिति के आदेश को बार बार दिखा कर नगरपालिका को भ्रमित करने का भी संगीन आरोप लगाया गया है तथा बताया है की सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अपने निर्णय अक्टूबर 2020 मे स्पष्ट किया गया है की किसी भी न्यायालय द्वारा जारी यथास्थिति आदेश 6 माह के अंतराल के पश्चात खारिज माने जाएंगे । श्री आलिका ने तिब्बती बाज़ार की जमीन को पुनः इसाई कब्रिस्तान की पार्किंग हेतु मुक्त करवाने व बिना किसी कानून के शरणार्थियों से किराया लेने पर तत्काल रोक का निवेदन किया है । साथ ही चेतावनी दी है की यदि 7 दिनों के भीतर तिब्बती मार्केट को हटाने हेतु संतोषजनक कार्यवाही नहीं की गई तो मजबूरन आबू पर्वत के व्यापारी जनआंदोलन करेंगे , धरना देंगे व न्यायालय की शरण मे जाने को बाध्य होंगे जिसकी सम्पूर्ण ज़िम्मेदारी पालिका प्रशासन की होगी ।
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