माउंट आबू | क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे विशाल प्रदेश राजस्थान के एकमात्र हिल स्टेशन माउंट आबू में कोविड केयर सेंटर के नाम पर निजी अस्पताल में मात्र 30 बेड ही होना एक बहुत बड़े ताज्जुब की बात है । हालांकि ब्रिटिश काल में यहां टोल नाके के पास एक 6 कमरों का आइसोलेशन भवन बना हुआ है जो फिलहाल देख रेख के अभाव में खुद बीमार चल रहा है ।
नहीं मिलेगा इलाज , विकल्प तैयार रखें
दिलवाड़ा निवासी रविन्द्र मंगलवार को जब अपने 63 वर्षीय कोरोना संक्रमित पिता को लेकर ग्लोबल निजी हॉस्पिटल पहुंचे तो डॉक्टर ने कहा की बेड उपलब्ध नहीं है । उनके पिता की 25 तारीख को पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी । सांस लेने में तकलीफ और बढ़ती खांसी के कारण रविन्द्र अपने पिताजी को हॉस्पिटल इस उम्मीद से लेकर आये की यहां उन्हें जरूरी इलाज मिलेगा , लेकिन डॉक्टर ने कहा कि फिलहाल बेड उपलब्ध नहीं हैं और यदि मरीज की हालात रात को या बाद में अधिक खराब हो गई तब भी ग्लोबल हॉस्पिटल में इलाज़ नहीं मिल पायेगा इसलिए पहले से विकल्प ढूंढ कर रखें ।
डेढ़ घंटे प्लस डिप्रेशन
रविन्द्र ने बताया कि महामारी के इस दौर में जहां स्कूलें होटलें , भवन बंद पड़े हैं , क्यों न वहां बेड लगाकर कोविड केअर सेंटर शुरू किया जाए जिससे यहां के लोगों को यहीं इलाज़ मिल जाए । आपातकाल में नीचे जाने में जहां एक डेढ़ घंटे का समय लगता है वहीं मरीज़ भी डिप्रेशन में आ जाता है ।
आबू में हैं भामाशाह , आएं आगे
उल्लेखनीय है की समाजसेवी श्री सुधीर जैन ने ग्लोबल हॉस्पिटल में 20 लाख का ऑक्सिजन जनरेटिंग प्लांट दान किया है जिसमे कल शाम से प्राणवायु बननी शुरू भी हो चुकी है । वहीं आज होटल असोसिएशन ऑफ माउंट आबू ने 250 पीपीइ किट भी दान किये हैं । उम्मीद है की 33 कोटि देवी देवताओं की इस भूमि पर शीघ्र ही एक सक्षम कोविड केअर , आइसोलेशन सेंटर का भी शुभारंभ होगा जिससे महामारी के इस समय में आम जनता को राहत मिलेगी ।
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