अद्भत स्वाथ्य सेवाएं , आत्मनिर्भर समाज
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"होल में मौजूद जनसमूह" |
ग्लोबल अस्पताल निदेशक डॉ. प्रताप मिढ्ढा ने कहा कि ग्लोबल अस्पताल द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में वहीं के लोगों को प्रशिक्षण देकर सिलाई, कढ़ाई का कार्य करवाकर उनकी आजीविका के अवसर मुहैया करवाए जाते हैं। राजकीय विद्यालयों में प्रतिदिन पोषाहार वितरण, ग्रामीण विस्तार सेवा कार्यक्रम के अंतर्गत क्षेत्र के १७ गांवों को गोद लेकर मां व शिशु की देखभाल, टीबी, कुपोषण, त्वचारोग, थेलेसीमिया आदि का घर-घर जाकर उपचार करवाया जाता है। आवश्यकता पडऩे पर उन्हें अस्पताल तक पहुंचाकर निशुल्क उपचार करने की व्यवस्था की जाती है। वे बुधवार शाम को ग्लोबल अस्पताल में जनप्रतिनिधियों व मीडियाकर्मियों के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि ग्लोबल अस्पताल न केवल स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति कार्य कर रहा है बल्कि दूरदराज के आदिवासी अंचल में निवास करने वाले आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोगों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आर्थिक संबल प्रदान करते हुए उन्हें स्वाबलंबी बनाने में भी कार्यरत है। स्माईल ट्रेन परियोजना के अंतर्गत न केवल राजस्थान बल्कि गुजरात, मध्यप्रदेश समेत विभिन्न राज्यों से हजारों बच्चों के कटे होंठ व तालू का निशुल्क उपचार, चिरंजीवी योजना के अंतर्गत निशुल्क घुटने, कुल्हें आदि जोड़ प्रत्यारोपण, हर वर्ष पचास से अधिक नेत्र शिविर व ढाई हजार से अधिक मोतियाबिंद के ऑपरेशन जिनमें विट्रो, रेटीना, ग्लूकोमा, पीडियाट्रिक कोरनिया आदि व्याधियां भी सम्मिलित हैं। रानीवाडा, कालंद्री, पिंडवाडा, रेवदर व सायला में विजन सेंटर के माध्यम से नेत्र सेवा संचालित की जाती है। एक ही छत के नीचे विभिन्न चिकित्सा सुविधायें मुहैया करवाई जा रही हैं। जिसमें विशेषकर आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोगों को लाभ मिलता है।
भाखर क्षेत्र के बोरीभुज गांव से आई ज्योति गमेती ने कहा कि क्षेत्र में अधिकतर लोग टीबी की व्याधि से पीडि़त हैं। यह व्याधि क्षेत्र में सदियों पुरानी है। जानकारी के अभाव में लोग बिना इलाज के ही जान गंवा देते थे। लेकिन ग्लोबल अस्पताल के सराहनीय प्रयास से अब लोगों में टीबी का खौफ नहीं रहा और वे समय रहते ही उपचार करवाकर स्वस्थ जीवन जी रहे हैं। गमेती के अनुसार ग्रामीण अचंलों में अस्पताल की ओर से ३३ से अधिक कार्यकर्ता भी इस कार्य से जुड़े हैं। उनके गांव व आसपास के क्षेत्रों के लोगों को ग्लोबल अस्पताल चल चिकित्सा सुविधा के माध्यम से चिकित्सा उपलब्ध कराने का भगीरथी कार्य कर रहा है। यह वही क्षेत्र हैं जहां शुरूआत के दौर में अस्पताल के वाहन आते ही लोग डर के मारे भाग जाते थे। धीरे धीरे जब निशुल्क जरूरतमंदों को घर बैठे चिकित्सा के लाभ की जानकारी मिलने लगी तब से वे हर रोज गांव में वाहन आने की प्रतीक्षा करते रहते हैं।
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"संबोधित करते डॉ मिड्डा" |
ओरिया गावं से आई सविता कुंवर ने कहा कि ग्लोबल अस्पताल के प्रयास से वे गांव में सिलाई प्रशिक्षण केंद्र संचालित करती है। जहां गांव की महिलाओं को सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। जिसमें अस्पताल का पूर्ण रूप से सहयोग प्राप्त है।
वरिष्ठ राजयोग प्रशिक्षिका बीके शीलू बहन, रेवदर से आए रमेश रावल, पालिका उपाध्यक्ष रणजीत बनौधा, ऋषि मेहता, कर्नल जितेंद्र सिंह, अर्चना बहन आदि ने भी विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में सहभागी उपस्थित थे।
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