मास्टर प्लान में भी है प्रावधान , बढ़ेगी शहर की सुंदरता
माउंट आबूमाउंट आबू में ब्रिटिशराज के दौरान बनी खुरसूरत ऐतिहासिक इमारतें और भवन समय की मार और देखरेख के अभाव में खत्म होते जा रहे हैं । इसी के साथ उस युग की याद दिलाता एक पूरा परिदृश्य भी समाप्ति के कगार पर है ।
करीब 1840 ईसवी के बाद अंग्रेजों के आने के बाद से बननी शुरू हुई ब्रिटिश आर्किटेक्चर की ये जटिल और शानदार इमारतें अभी भी देखने वालों को मंत्रमुग्ध कर देने की काबिलियत रखतीं हैं । लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि इनको संजोने का कोई भी उपक्रम आज तक अमल में नहीं लाया गया ।
मॉनिटरिंग कमिटी के पूर्व सदस्य सौरभ गांगाडिया के अनुसार ऐतिहासिक संपत्तियों को संजोने संवारने का प्रोविजन मास्टर प्लान में भी है । इसको अमल में लाकर इस प्रकार के भवनों को संरक्षण देना चाहिए । इससे उस युग का वैभव लोग महसूस कर सकेंगे । साथ ही इन संपत्तियों के साफ सुधरे और मेंटेन होने से ये पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी बनेंगे । इससे शहर की खूबसूरती में आशातीत निखार आएगा जो पर्यटन को भी नई ऊंचाइयां प्रदान करेगा ।
story by : umed singh rathore
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