वनकर्मियों का विरोध शुक्रवार को भी जारी , पर्यटकों स्थानीय संस्थाओं का मिल रहा सहयोग
माउंट आबूशहर के प्रमुख पर्यटन स्थलों ट्रेवर टैंक व सनसेट पॉइंट वन कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार व धरने के चलते शुक्रवार को भी बंद रहे । इस दौरान सुबह ट्रेवर टैंक पर तो शाम को सूर्यास्त स्थल पर जालोर सिरोही व माउंट आबू , तीनों डिविजनों के वनकर्मियों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा ।
आईपीएस आईएफएस पे ग्रेड मे नहीं है फर्क
सहायक वनपाल राजेश बिशनोई ने बताया की उन्हें पुलिस विभाग , पटवार विभाग व ग्राम सेवक के बराबर पे ग्रेड , वेतन मिलना चाहिए । फिलहाल भारतीय पुलिस सेवाओं (आईपीएस) व भारतीय वन सेवाओं (आइएफएस) में एक समान पे ग्रेड है । राजस्थान पुलिस सेवाओं (आरपीएस) व राजस्थान वन सेवाओं (आरएफएस) मे भी पे ग्रेड एक जैसा है वहीं इससे नीचे के कर्मचारियों के वेतनमान मे फर्क किया जा रहा है । सावंत कमिटी , 90 के आसपास एक समय था जब उनकी पे ग्रेड पुलिस से भी ज्यादा हुआ करती थी । उनकी बढ़ा दी गई जबकि वनर्मियों की नहीं बढ़ी । अब पुलिस कांस्टेबल की पे ग्रेड 2400 है जबकि वनरक्षक की 2000 । इसी प्रकार पुलिस विभाग मे हेड कांस्टेबल , एएसआई जैसे समकक्ष पदों के मुक़ाबले वन विभाग मे पे ग्रेड कम है ।
पर्यटक , स्थानीय दे रहे हैं साथ
वनपाल मोहनराम ने बताया की हमें 18वीं सदी का वेतन दिया जा रहा है । ड्यूटि आर्स फिक्स नहीं हैं । 24 घंटों की ड्यूटि है । होली , दिवाली , वीकेंड कभी अवकाश नहीं मिलता । वर्दी के लिए 1700 रूपय प्रतिवर्ष तो उनकी धुलाई के लिए 50 रूपय प्रतिमाह मिलते हैं , जो आज के समय मे न के बराबर हैं । घने जंगलों में बिना संसाधनों के एक डंडे के सहारे पर्यावरण , वन व वन्यजीवों की रक्षा के लिए शिकारियों , माफियाओं आदि से सामना करना होता है । आबू जैसे दुर्गम पहाड़ी जंगलों में गर्मियों के दौरान जान पर खेलकर भीषण आग पर काबू पाना होता है जिसमे खाने , पीने , आराम का ठिकाना भी नहीं होता । करीब 6 महीनों से पे ग्रेड व सुविधाओं को लेकर ज्ञापन दे दे कर परेशान होने के बाद आखिर यह कदम उठाना पड़ा है । अब प्रदेश के सभी अभ्यारण्यों , चिड़ियाघरों , बायोलोजीकल पार्कों को बंद कर , कार्य बहिष्कार किया जा रहा है ताकि सरकार तक हमारी आवाज़ पहुंचे । इस मूहीम में पर्यटक , स्थानीय लोग व संस्थाएं भी मुख्यमंत्री व राजस्थान सरकार को ट्वीट कर हमारा साथ दे रहे हैं ।
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