ब्रह्माकुमारी संगठन के अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय पांडव भवन में शिवरात्रि महोत्सव का हुआ आयोजन
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने कहा कि सच मूल्यवान है लेकिन सच्चाई से रहना उससे भी मूल्यवान है। साधना के विरूद्व कार्य करने वाला अद्योपतन मार्ग का अनुगामी बनता है। कुंठित भावनाओं से ग्रस्ति मन के उपचार की औषधि केवल परमात्मा के पास ही है। भूत व भविष्य की चिंताओं से दबती जा रही मानवीय प्रवृत्ति को वर्तमान के महत्व को समझने की जरूरत है। जो व्यक्ति वर्तमान के मर्म को गहराई से अनुभव कर लेता है वह किसी भी हालत में अपनी शान्ति रूपी संपदा से वंचित नहीं हो सकता। वे संगठन के अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय पाण्डव भवन में साप्ताहिक शिवरात्रि महोत्सव कार्यक्रम के तहत बड़ी संख्या में देश-विदेश से आए राजयोगी श्रद्धालूओं को संबोधित कर रहीं थीं।
अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी मोहिनी बहन ने कहा कि कर्म सिद्धांत को जानकर किए गए कर्म निश्चित तौर पर श्रेष्ठ मूल्यों को पोषित करते हैं जो जीवन को आनंदमय अवस्था से अभिभूत कर देते हैं। कर्मों की फिलॉसफी अति सूक्षम है। आध्यात्म मनुष्य को उच्च गुणवतायुक्त कर्मों में प्रवृत रहने की शिक्षा देता है।
संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मुन्नी बहन ने कहा कि खुशियां प्राप्त करने के लिए किसी प्रकार के खर्च की आवश्यकता नहीं है बस जरूरत है आत्मिक चिंतन की आदत को अपनाने की। मन, वचन, कर्म में आस्था और निष्ठापूर्वक सामजंस्य के लिए आध्यात्म श्रेष्ठ माध्यम है।
संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके शशि बहन ने कहा कि वर्तमान समय मनुष्य जिन विषम परिस्थितियों के दौर से गुजर रहा है उससे मानवीय मन में अनेक प्रकार के भय, अशांति, अस्थिरता की भावनाएं पनपती जा रही हैं। ऐसी स्थिति में हर व्यक्ति को कुछ पल निकालकर सकारात्मक चिन्तन करते हुए ध्यान आदि की आदत डालनी चाहिए।
इन्होंने भी रखे विचार
कार्यक्रम में त्रिनीडाड से आई वरिष्ठ राजयोग प्रशिक्षिका डॉ. हेमलता, जापान से आई वरिष्ठ राजयोग प्रशिक्षिका बीके रजनी बहन, कुवैत से आई बीके अरुणा बहन, रशिया से आई वरिष्ठ राजयोग प्रशिक्षिका बीके सुधा बहन, बीके नीलू बहन, बीके प्रवीणा बहन, मल्टी मीडिया प्रमुख बीके करूणा, ग्लोबल अस्पताल निदेशक डॉ. प्रताप मिढ्ढा, शिक्षा प्रभाग अध्यक्ष बीके मृत्युजंय, समाज सेवा प्रभाग उपाध्यक्ष बीके अवतार आदि ने भी विचार व्यक्त किए।
मेडिटेशन कर दिया विश्व को शांति का दान
कार्यक्रम से पूर्व पांडव भवन में ब्रह्मा बाबा के समाधि स्थल शांति स्तंभ, बाबा का कमरा, तपस्यास्थली कुटिया, मेडिटेशन सभागार में देश-विदेश से बड़ी संख्या में आए साधकों ने मेडिटेशन के जरिए शक्तिशाली संकल्पों में स्थित होकर विश्व को शांति का दान देने के लिए परमात्म शक्तियां प्रवाहित कीं ।
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