कचरे से नक्की झील की सेहत फिर खराब
माउंट आबूप्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन माउंट आबु के पर्यटन का हृदय समझी जाने वाली नक्की झील फिर से कचरे और काई से सराबोर नज़र आने लगी है । रविवार को झील के पश्चिम दिशा में ऊपर वाली चादर वाले स्थान पर काफी सारा कचरा देखने को मिला । मोहन लाल सुखाड़िया उद्यान से लेकर लाल मंदिर तक झील में लाइफ जेकेट , प्लास्टिक की बोतलें , रैपर , तस्वीरों सहित काई तैरती दिखाई दी ।सफाई हेतु हैं कम कर्मचारी
जानकारी के मुताबिक झील में कुत्रिम फव्वारे लगाए गए हैं जिनके चलने से काई का जमना कम हो जाता है । इसके साथ ही कचरा भी किनारे लग जाता है । लेकिन गिने चुने कर्मचारियों के भरोसे कचरे का निस्तारण नहीं हो पाता है । सुबह शाम भ्रमण पर आने वाले स्थानीय लोगों के अनुसार झील की सफाई पहली जिम्मेदारी होनी चाहिए । झील को निहारने और बोटिंग करने माउंट आबू में पर्यटक आता है । इसकी बदौलत पालिका सहित स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है । झील से प्रतिवर्ष लाखो करोड़ों की आय होती है । इसके बावजूद इसकी उपेक्षा झील के साथ अन्याय है । बोट हाउस के नरपत सिंह सिसोदिया ने बताया की झील पर कचरा व काई निकालने हेतु निरंतर कर्मचारी कार्य करते रहते हैं ।
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