वन कर्मचारियों के धरने से बंद रहा ट्रेवर टैंक व सूर्यास्त स्थल
माउंट आबू
गुरुवार को संयुक्त संघर्ष समिति वन विभाग द्वारा अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार के चलते ट्रेवर टैंक व सनसेट पॉइंट बंद रहा । इसके चलते गुरुवार को अभयारण्य सहित सूर्यास्त देखने पहुंचे सेंकड़ों पर्यटकों को निराश होकर लौटना पड़ा । नाका प्रभारी पंकज माथुर के अनुसार गुरुवार को 299 पर्यटक वाहन माउंट आबू पहुंचे थे । इनसे करीब 1200 पर्यटक आए होंगे ।
150 परिवारों पर पड़ा असर
पर्यटक आकर्षण के प्रमुख केन्द्र विशेषकर सनसेट पॉइंट के बंद होने से यहाँ रोजगार कर अपनी आजीविका चलाने वाले करीब 150 परिवारों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा । जानकारी के मुताबिक करीब 22 फोटोग्राफर , 100 बाबागाड़ी वाले , 20 - 25 घोड़े वाले , 30 ठेलों लारियों वाले व उनके परिवार का पेट यहाँ से भरता है । दोनों प्रमुख पर्यटन स्थलों से रोजाना प्राप्त होने वाला हजारों रूपय का प्रवेश शुल्क भी बंद के चलते शून्य रहा जिससे राजस्व की हानी हुई ।
पर्यटन पर पड़ा बुरा असर
वहीं वन्यजीवों , जंगल , पक्षियों सहित प्रकृति के खूबसूरत नज़ारों के दीदार से भी पर्यटक वंचित रह गए । गांधीनगर से आए पर्यटक जीनल व चिंतेश ने बताया की वे हनीमून पर माउंट आबू आए हैं और सूर्यास्त स्थल पर एक यादगार शाम बिताना चाहते थे लेकिन बंद के चलते निराशा हाथ लगी । वहीं चौथी बार परिवार सहित माउंट आबू व सनसेट देखने आए बदोड़ा के मौलिश पटेल ने बताया की हालांकि वे पहले भी यहाँ आए हुए हैं फिर भी यहाँ से सूर्यास्त देखने का क्रेज़ खास होता है । यदि इस बार भी सूर्यास्त देखने को मिलता तो अच्छा होता ।
पुलिस के समान काम , वेतन भी वैसा मिले
घोडा स्टेंड यूनियन अध्यक्ष अजय राणा ने बताया की इस हड़ताल के चलते करीब 300 परिवार बेरोजगारी के कगार पर पहुँच गए हैं । उन्होने सरकार से निवेदन किया है की कर्मचारियों की मांगें मान लें जिससे यहाँ उनका रोजगार चलता रहे व उनके बच्चे भूखे न मरें । सिरोही से आए कर्मचारी शैतान सिंह ने बताया की 15 सूत्री मांगों को लेकर ये धरना चल रहा है जिसमे हार्ड ड्यूटि अलाउंस , मेस भत्ता , पेट्रोल भत्ता , साइकल अलाउंस सहित ग्रेड पे 2000 से बढ़ाकर पुलिस व पटवारियों के समान वेतन मिलना चाहिए ।
गुरुवार को संयुक्त संघर्ष समिति वन विभाग द्वारा अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार के चलते ट्रेवर टैंक व सनसेट पॉइंट बंद रहा । इसके चलते गुरुवार को अभयारण्य सहित सूर्यास्त देखने पहुंचे सेंकड़ों पर्यटकों को निराश होकर लौटना पड़ा । नाका प्रभारी पंकज माथुर के अनुसार गुरुवार को 299 पर्यटक वाहन माउंट आबू पहुंचे थे । इनसे करीब 1200 पर्यटक आए होंगे ।
150 परिवारों पर पड़ा असर
पर्यटक आकर्षण के प्रमुख केन्द्र विशेषकर सनसेट पॉइंट के बंद होने से यहाँ रोजगार कर अपनी आजीविका चलाने वाले करीब 150 परिवारों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा । जानकारी के मुताबिक करीब 22 फोटोग्राफर , 100 बाबागाड़ी वाले , 20 - 25 घोड़े वाले , 30 ठेलों लारियों वाले व उनके परिवार का पेट यहाँ से भरता है । दोनों प्रमुख पर्यटन स्थलों से रोजाना प्राप्त होने वाला हजारों रूपय का प्रवेश शुल्क भी बंद के चलते शून्य रहा जिससे राजस्व की हानी हुई ।
पर्यटन पर पड़ा बुरा असर
वहीं वन्यजीवों , जंगल , पक्षियों सहित प्रकृति के खूबसूरत नज़ारों के दीदार से भी पर्यटक वंचित रह गए । गांधीनगर से आए पर्यटक जीनल व चिंतेश ने बताया की वे हनीमून पर माउंट आबू आए हैं और सूर्यास्त स्थल पर एक यादगार शाम बिताना चाहते थे लेकिन बंद के चलते निराशा हाथ लगी । वहीं चौथी बार परिवार सहित माउंट आबू व सनसेट देखने आए बदोड़ा के मौलिश पटेल ने बताया की हालांकि वे पहले भी यहाँ आए हुए हैं फिर भी यहाँ से सूर्यास्त देखने का क्रेज़ खास होता है । यदि इस बार भी सूर्यास्त देखने को मिलता तो अच्छा होता ।
पुलिस के समान काम , वेतन भी वैसा मिले
घोडा स्टेंड यूनियन अध्यक्ष अजय राणा ने बताया की इस हड़ताल के चलते करीब 300 परिवार बेरोजगारी के कगार पर पहुँच गए हैं । उन्होने सरकार से निवेदन किया है की कर्मचारियों की मांगें मान लें जिससे यहाँ उनका रोजगार चलता रहे व उनके बच्चे भूखे न मरें । सिरोही से आए कर्मचारी शैतान सिंह ने बताया की 15 सूत्री मांगों को लेकर ये धरना चल रहा है जिसमे हार्ड ड्यूटि अलाउंस , मेस भत्ता , पेट्रोल भत्ता , साइकल अलाउंस सहित ग्रेड पे 2000 से बढ़ाकर पुलिस व पटवारियों के समान वेतन मिलना चाहिए ।
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