सुरक्षा प्रभाग राष्ट्रीय सम्मेलन का खुला सत्र
माउंट आबू, 2६ जूनब्रह्माकुमारी संगठन की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी डॉ निर्मला दीदी ने कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा में संस्कृति, सभ्यता व उनकी परंपराओं का पूर्ण रूप से आदर करते हुए कानून के दायरे में रहकर अपनी तैनाती के उदेश्य के साथ सुरक्षा कर्तव्यों का निर्वहन कर देश को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाने में मनोबल की अहम जरूरत होती है। जिसके लिए राजयोग का अभ्यास हर परिस्थिति में मन को सशक्त बनाए रखने में सक्षम है। वे सोमवार को ब्रह्माकुमारी संगठन के ज्ञान सरोवर अकादमी परिसर में संगठन के सुरक्षा प्रभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के खुले सत्र को संबोधित कर रहीं थीं।डीआरडीओ दिल्ली से आए केप्टन शिव सिंह ने कहा कि त्याग, तपस्या, सेवा के प्रतिमूर्ति सुरक्षाकर्मी अपने कत्र्तव्यों के प्रति हर समय सजग रहते हैं। सुरक्षा बल प्राथमिकता के साथ देश के हर नागरिक की प्रतिष्ठा की रक्षा करते हैं। सेना के जवान विकटतम परिस्थितियों में भी अपने परिवार से दूर रहकर भी जनता की सुरक्षा को शांति व कानून व्यवस्था बनाए रखने में तत्पर रहते हैं। जनता को अपने मूलभूत अधिकारों के साथ ही अपने कत्र्तव्यों के प्रति भी जागृत रहना चाहिए। ब्रह्माकुमारी संगठन की ओर से अध्यात्म के जरिए दिया जा रहा राजयोग का प्रशिक्षण तनावजन्य परिस्थितियों में हर सुरक्षाकर्मी के लिए जरूरी है।
प्रभाग अध्यक्ष अशोक गाबा ने कहा कि सुरक्षा की विभिन्न तकनीकियों को सीखने की कोई सीमा नहीं होती। जीवन के हर मोड़ पर जिज्ञासु प्रवृत्ति बनी रहनी चाहिए।
सुरक्षा प्रभाग राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजयोगिनी बीके. शुक्ला बहन ने कहा कि शान्ति, सुरक्षा व कानून व्यवस्था को सुचारू बनाये जाने के अहम दायित्व को निभाने के लिए धैर्य, साहस व कुशलतापूर्वक निर्वहन करने की जरूरत होती है।
इन विषयों पर भी हुई चर्चा
मुंबई से आई राजयोग प्रशिक्षिक बीके दीपा बहन ने संबंधों में सदभावना, बीके कमल ने स्वस्थ जीवनशैली के लिए ऊर्जावान मन, बीके करण ने खुश रहने के मंत्र, राजयोग प्रशिक्षिका बीके कमला ने सर्वोच्च सत्ता परमात्मा से संबंध स्थापित करने की कला, मुंबई से आए प्रो. ईवी स्वामीनाथन ने साईंस ऑफ मेडिटेशन विषय पर विचार व्यक्त किए।
इन्होंने सांझा किए अपने अनुभव
रोहतक से आए ब्रिगेडियर हरवीर सिंह, लेफ्टिनेंट कर्नल विकास राव चौहान, दिल्ली से आए इनसेपक्टर संजीव ने तनावमुक्त जीवन ने भी जीवनशैली में अध्यात्म के विभिन्न बिदुंओं के सहज रूप से समावेश करने के अनुभव सांझा किए।
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