विश्व सेवा में जीवन को समर्पित करना बड़ी साधना
माउंट आबू, २४ जून।
सीमा सडक़ बल प्रबंध निदेशक, लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने कहा कि राष्ट्रनिर्माण के लिए हर व्यक्ति का अहम योगदान होता है। ब्रहाकुमारी संगठन की कथनी करनी में समानता है। विश्व के पंाचों महाद्वीपों में संगठन की हो रही सफल सेवायें समाज के हर तबके के लिए उदाहरण हैं। विश्व सेवा में जीवन को बलिदान कर देना, समर्पित कर देना बहुत बड़ी साधना है। सुरक्षा को लेकर सिपाही का कार्य कठिन होता है। गत ८८ वर्षों से ब्रह्माकुमारी संगठन की नारी सशक्तिकरण समेत अन्य निस्वार्थ सेवायें हम सबके सामने एक दर्पण की तरह हैं। जो हमें जीवन का महत्व बताती हैं। स्वयं को नियंत्रित करने की कला में मेडिटेशन से निखार आता है। संगठन के हर सदस्य में दातापन का भाव है। जो निरंतर समाज के हर तबके को कुछ न कुछ दे रहा है। यह बात उन्होंने ब्रह्माकुमारी संगठन के सुरक्षा सेवा प्रभाग की ओर से ज्ञान सरोवर अकादमी परिसर में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के उदघाटन सत्र में कही।
केरिपुबल, आंतरिक सुरक्षा अकादमी निदेशक, पुलिस महानिरीक्षक दानेश राणा ने कहा कि तनावपूर्ण जीवनशैली से निजात पाने व जीवन में मूल्यों को प्राथमिकता देकर आत्मसात करने के लिए मेडिटेशन बेहतर जरिया है। मेडिटेशन मन का समुचित उपचार करता है।
भारतीय नौ सेना के पूर्व वाइस एडमिरल एस.एन. घोरमाडे ने कहा कि राजयोग के अभ्यास से कठिनाईयों, चुनौतियों का सामना करने के लिए मानसिक क्षमता विकसित होती है। बाहरी सुरक्षा के साथ आत्मिक सुरक्षा को लेकर यहां दिया जाने वाला प्रशिक्षण सुरक्षाबलों के लिए संजीबनी बूटी की तरह कार्य करता है। जीवन में खुशी का संचार कर देता है।
संगठन की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी डॉ निमला दीदी ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि देश के सुरक्षा प्रहरी देश की जान हैं। जो निरंतर अपनी जान की परवाह किए बिना समर्पण भाव से सेवाओं में तत्पर रहते हैं। विकटतम परिस्थितियों में मानसिक संतुलन बनाए रखने के लिए परमात्मा को अपना साथी बनाकर रखना चाहिए। जो हर समय हमारी रक्षा करने में उपस्थित रहता है उसकी महसूसता के लिए राजयोग का अभ्यास करना चाहिए।
डीआरडीओ दिल्ली के केप्टन शिव सिंह ने सुरक्षा सेवा प्रभाग की ओर से देश भर में की जा रही सेवाओं की विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
संगठन महासचिव बीके निर्वेर, प्रभाग अध्यक्ष पूर्व स्कवार्डन लीडर अशोक गाबा, प्रभाग उपाध्यक्ष रायजोगिनी शुक्ला दीदी, कर्नल बी.सी. सती ने भी विचार व्यक्त किए।
मुंबई से आई वरिष्ठ राजयोग प्रशिक्षिका बीके दीपा बहन ने राजयोग का अभ्यास कराते हुए गहन शांति की अनुभूति कराई।
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