तीर्थ स्थल के मार्ग की स्थित हुई बद से बदतर
माउंट आबू बिपरजोय तूफान के बाद से लेकर अभी तक गौ मुख तीर्थ का मार्ग वाहनों के लिए बहाल नहीं हो पाया है । गौरतलब है की गौ मुख मार्ग पर वनवासी हनुमान जी मंदिर के पास गिरे विशाल पेड़ के कारण करीब 12 दिनों से यहां से पर्यटकों के वाहन नहीं गुज़र पा रहे हैं । इस कारण अधिकतर पर्यटक वापस लौट रहे हैं । वहीं दर्शन का संकल्प लेकर आये श्रद्धालुओं को करीब 1 किलोमीटर का ढाल पैदल ही तय करना पड़ रहा है ।वहीं गौ मुख जाने वाला मार्ग भी बद से बदतर स्थिति में पहुंच गया है । विवादों की भेंट चढ़े इस मार्ग ने प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन , 33 कोटि देवी देवताओं के निवास स्थान , अतिविशिष्ट स्थल आदि उपनामों को धूमिल कर दिया है । संत अमिताभ के आश्रम से लेकर वनवासी हनुमान मंदिर तक कई जगहों पर सड़क के अवशेष मात्र ही बचे हैं । उधड़ी हुई , गड्डों से भरी सड़क में पानी कितना गहरा होगा इसका अंदाज़ा तक नहीं लगता ।साल गांव बांध , किचन गार्डन या पोलो पैवेलियन , इन सभी पर एकमात्र ये हकीकत ही भारी है । नए पर्यटन स्थलों की बात ही क्या की जाए जब पहले से मौजूद टूरिस्ट एन्ड रिलिजियस डेस्टिनेशन्स की सड़कें ही सड़कें कहलाने लायक नहीं बचीं हैं । टोल नाका , सनसेट पॉइंट , ट्रेवर टैंक , गुरुशिखर , अचलगढ़ , पीस पार्क सभी जगह पर्यटकों से शुल्क वसूला जाता है । इसके बावजूद साधारण सड़क जैसी आधारभूत सुविधा के लिए पर्यटक और श्रद्धालु मोहताज़ हैं ।
प्रशासन , विभिन्न विभागों , धार्मिक व अन्य संस्थाओं , समितियों , होटल एसोसिएशन व आमजन को मिलकर इसका समाधान निकालना ही होगा । वरना जिस तेज़ी से गुजरात , राजस्थान आदि राज्यों में पर्यटन स्थलों की संख्या बढ़ रही है वह माउंट आबू आने वाले पर्यटकों को डाइवर्ट करने के लिए काफी है । वैसे भी विदेशी पर्यटक पहले से ही यहां से किनारा कर चुका है ।
Report : umed singh rathore
Report : umed singh rathore
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