2013 में भरे थे 63 हज़ार रुपये , इंतज़ार में थक गई आंखें
माउंट आबू
आगामी विधानसभा चुनाव में सरकार रिपीट करने को लेकर जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राहत का पिटारा खोल रखा है तो वहीं 2013 में भूमि नियमन की राशि भरने के 9 साल और 8 महीनों के थका देने वाले इंतजार के बाद भी एक बुजुर्ग महिला को पट्टा नहीं मिल पाया है । राखी पर बहनों को तोहफे देने वाली सरकार करीब 10 साल से अपने जायज हक से वंचित कैलाश देवी पत्नी मन्ना जी को राहत का तोहफा नहीं दे पाई है ।
सब को मिल गया था पट्टा..
प्राप्त जानकारी के अनुसार वार्ड संख्या 3 में निवासरत कैलाश देवी , उम्र 70 साल ने 2013 में कांग्रेस सरकार के राज में पट्टे की फाइल भरी थी । इसके बाद उन्होंने भूमि नियमन शुल्क 63,351 रुपए भी भर दिया था , जिसकी रसीद (संख्या 2820) उनके पास मौजूद है । लेकिन उन्हें पट्टा नहीं दिया गया , जबकि उस समय राशी जमा करवाने वाले सभी लोगों को पट्टा दे दिया गया था ।
दूसरों को दिया ..
इस बार प्रशासन शहरों के संग अभियान में भी उन्होंने पट्टे की मांग की तो आयुक्त ने बताया कि 69 ए में नई फाइल भरने पर पट्टा दे दिया जाएगा । इस बात को दो से तीन महीने बीत चुके हैं पर बुजुर्ग कैलाश देवी की पीड़ा और उनका इंतजार जारी है । परिवार के एक सदस्य के अनुसार उनकी फाइल में भूमि को नाले के पास बताया गया है जिस कारण उन्हें पट्टा नहीं मिल रहा है । वहीं क्षेत्र में नालों के करीब अन्य घरों को पट्टा दे दिया गया है । अब देखना यह है कि आगामी चुनाव में गरीब जनता को मिलने वाली राहत की हकीकत कितना असर दिखाने वाली है ।
रिपोर्ट : उमेद सिंह राठौर
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