सीवरेज का पानी भी मिल रहा तालाब में .. नक्की झील बेहतर विकल्प
माउंट आबूगणपति महोत्सव को लेकर जहां प्रदेश के सिरमौर माउंट आबू में धर्मावलंबियों व युवाओं में जबरदस्त जोश देखने को मिल रहा है वहीं 23 तारीख को होने जा रहे गणपति विसर्जन के स्थान को लेकर दुविधा बनी हुई है ।
गणपति महोत्सव समिति के कोषाध्यक्ष सलिल कालमा के अनुसार पिछले 3 सालों से विसर्जन वाले स्थल , कमला नेहरू उद्यान वाले तालाब पर इस वर्ष पानी न केवल कम है , बल्कि गंदा भी है । 8 दिनों बाद , विसर्जन वाले दिन तक पानी का स्तर और कम हो जाएगा । ऐसे में यहां विसर्जन करना उचित नहीं होगा ।फिलहाल 20-22 फुट पानी..
वहीं कमला नेहरू उद्यान के कर्मचारी के अनुसार विसर्जन वाले स्थान पर करीब 20 - 22 फुट पानी है जहां आसानी से विसर्जन हो सकता है । आज शुक्रवार को यहां पालिका अधिकारियों की उपस्थिति में विसर्जन की तैयारियों को लेकर कार्य चलते देखा गया । इस दौरान उद्यान के अंदर से मूर्तियों को विसर्जन वाले स्थल तक ले जाने वाले स्थान पर प्लेटफॉर्म , सीढियां बनाने का कार्य जारी था ।इस बार क्यों गिरा स्तर ?
गौर किया जाए तो पिछले काफी समय से उद्यान का विकास कार्य चल रहा है । इस कार्य मे घांस व पेड़ पौधों को तालाब से पानी पिलाया जा रहा है जिससे संभवतया पानी का स्तर गिरा है ।
वहीं कमला नेहरू उद्यान के कर्मचारी के अनुसार विसर्जन वाले स्थान पर करीब 20 - 22 फुट पानी है जहां आसानी से विसर्जन हो सकता है । आज शुक्रवार को यहां पालिका अधिकारियों की उपस्थिति में विसर्जन की तैयारियों को लेकर कार्य चलते देखा गया । इस दौरान उद्यान के अंदर से मूर्तियों को विसर्जन वाले स्थल तक ले जाने वाले स्थान पर प्लेटफॉर्म , सीढियां बनाने का कार्य जारी था ।इस बार क्यों गिरा स्तर ?
गौर किया जाए तो पिछले काफी समय से उद्यान का विकास कार्य चल रहा है । इस कार्य मे घांस व पेड़ पौधों को तालाब से पानी पिलाया जा रहा है जिससे संभवतया पानी का स्तर गिरा है ।
वहीं तालाब का पानी वहां मौजूद शौचालयों में भी सप्लाई किया जा रहा है । शौचालयों के सीवरेज का कुछ लीकेज तालाब में जाने के भी निशान देखे जा सकते हैं ।
संभवतया इसीलिए तालाब का पानी गंदा हुआ होगा । कालमा के अनुसार विसर्जन नक्की झील में किया जाए तो अच्छा होगा । पहले भी वहीं होता था । मूर्तियां पानी में गल जातीं हैं जिसकी पृष्टि पहले भी की जा चुकी है ।
रिपोर्ट : उमेद सिंह राठौर
रिपोर्ट : उमेद सिंह राठौर
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