करीब 1 से डेढ़ किलोमीटर का ढलान पैदल , लगाया गेट .. पर्यटक स्थानीय परेशान
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हनुमान मंदिर से पहले बंद पड़ा गेट |
माउंट आबू
पर्यटन , धर्म व पर्यावरण की दृष्टि से विश्व मे अपनी विशिष्ट पहचान रखने वाले माउंट आबू में प्रमुख गौमुख तीर्थ जाने के लिए पर्यटकों व धर्मावलंबियों को पिछले कुछ समय से करीब एक से डेढ़ किलोमीटर का अतिरिक्त सफर पैदल तय करना पड़ रहा है । कुछ समय पहले जहां लोगों के वाहन ऊपर मौजूद पार्किग तक पहुंच जाते थे वहीं अब वनवासी हनुमान मंदिर व गौशाला से ठीक पहले मंदिर प्रशासन द्वारा एक गेट लगा दिया गया है जिसपर ताला लगा रहता है । लोगों को वहीं पर अपना वाहन पार्क कर 1 किलोमीटर की दुर्गम चढ़ाई चढ़ कर ऊपर पहुंचना होता है । फिर करीब 750 सीढियां शुरू होतीं हैं ।
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वाहन खड़ा करतीं महिला पर्यटक |
ढलान पर थक कर बैठे बुजुर्ग |
"मंदिर वाले महाराज जी अभी नहीं हैं । जैसे ही वे आ जाते हैं में उनसे बात करके गेट को खुलवाने , गड्डा ठीक करवाने , रास्ता खुलवाने के लिए बात करूंगा ।" - जीतु राणा , पालिकाध्यक्ष
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वनवासी हनुमान मंदिर से ठीक पहले मौजूद खराब सड़क |
जैसे पहले व्यस्वस्था थी वैसा ही रहना चाहिए । जहां तक मार्ग है वहां तक लोगों को वाहन लेजाने की सुविधा मिले । इस मामले में कोई विवाद है तो संबंधित विभाग मिलकर समाधान निकालें लेकिन पर्यटन पर प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए । सेफ्टी के हिसाब से भी वाहन ऊपर तक जाना चाहिए । पहले वहां टूरिस्ट पुलिस की तरफ से पर्यटकों को जो सुरक्षा मुहैया करवाई जाती थी ,वो भी बहाल हो ।" - सौरभ गांगड़िया , पार्षद
पैदल चल कर जाते पर्यटक |
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गाड़ी जाने की है जगह |
रिपोर्ट : उमेद सिंह राठौर
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