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mount abu tourism at stake


mount abu    20.10.2020

mount abu tourism at stake due to dilwada temple  closure                 आबु संघर्ष समिति
दिलवाड़ा मंदिर बंद होने से आबू पर्यटन खतरे मे 

Under the banner of 'abu sangharash samiti' (abu struggle comittee) 2 meorandums were submitted to sdm among which one is addressed to chief minister of rajasthan - ashok gehlot. the comittee was founded in 2018 , 2 years back and the head of comittee is mr. sunil acharya who is also the opposition leader from bjp mount abu.


Around 30 to 40 members gathered at sdm office on 20.10.2020 , and handed the memo's to sdm dr gourav saini. explaining the issues to sub divisional magistrate , acharya said that all the jain temples including ranakpur , kumbhariya etc are open to public but dilwada is still closed  due to the issues between temple administration and the shopkeepers from the market. temple admistration have some old issues with them and they want to teach the lesson to the shopkeepers . 

The temple can be started for the tourists following government guidelines and covid 19 protocal. it is the major tourist destination here which reasons the visit of national and international tourists. the closed temple from months is a heavy blow on the tourism of mount abu and on the livelihood of the people specially living around. - sunil acharya , abu struggle committee , opp. leader bjp mount abu

जैन मंदिर बंद होना पर्यटन को भारी नुकसान

दिलवाडा मंदिर प्रशाषन मंदिर बंद रखकर वहाँ मौजूद दूकानदारों को परेशान कर रहा हैं । मंदिर बंद पड़े रहने से पर्यटक नहीं आएंगे जिससे दुकानों मे कोई खरीददारी नहीं होगी और परेशान होकर दिलवाडा बाज़ार स्वतः ही बंद हो जाएगा । रणकपुर , कुंभारिया आदि जैन मंदिर सरकारी गाइडलाइन के मुताबिक कबसे खुल चुके हैं , मंदिर बाज़ार मे मौजूद दूकानदारों से अनबन के चलते यहाँ मंदिर नहीं खोले जा रहे हैं ।

 दिलवाड़ा जैन मंदिर राष्ट्रिय धरोहर है और जैन मंदिर ट्रस्ट बतौर व्यवस्थापक देखरेख करता है । दिलवाड़ा की वजह से यहाँ पर्यटक आते है । पर्यटकों हेतु कोविड 19 प्रोटोकोल का पालन करते हुए मंदिर खोला जा सकता है ।  इसके बंद पड़े रहने से आबू पर्वत के पर्यटन के साथ साथ मंदिर के भरोसे रोजी रोटी कमाने वाले लोगों पर भी बहुत बुरा असर पड रहा है ।   - सुनील आचार्य , अध्यक्ष , आबू संघर्ष समिति , नेता प्रतिपक्ष भाजपा आबू पर्वत



20 अक्टूबर को आबु संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री के नाम व उपखंड अधिकार डॉ गौरव सैनी को आबू पर्वत की समस्याओं से रूबरू करवाते हुए 2 ज्ञापन दिये जिनमे निम्न समस्याओ के समाधान का निवेदन किया गया है :

ज्ञापन 1 : यह ज्ञापन उपखंड अधिकारी के जरिये मुख्यमंत्री को दिया गया है जिसमे 3 समस्याओं का उल्लेख किया गया है : 

क. भवन निर्माण स्वीकृति - उपरोक्त विषयांतर्गत आबू पर्वत की जनता की ओर से निवेदन है की आबू पर्वत मे भवन निर्माण हेतु लगभग 7 8 माह पूर्व बिल्डिंग बाय लौज सरकार द्वारा लागू कर दिये गए हैं लेकिन अभी तक यहाँ नवीन भवन निर्माण की एक भी स्वीकृति जारी नहीं हुई है । साथ ही आबू पर्वत मे सेंकड़ों भवन जर्जर अवस्था मे हैं जिनमे से 4 5 भवन इस वर्षा ऋतु के दौरान गिर भी चुके हैं । हालांकि ईश्वर की कृपा से कोई जनहानि नहीं हुई है । यदि यही स्थिति रही तो आने वाले समय मे जान माल के नुकसान का अंदेशा बना हुआ है । आपसे निवेदन है की नवीन भवन निर्माण की स्वीकृति जारी करवाने हेतु नगरपालिका को आदेशित कराएं । 


ख. पट्टे जारी करवाना - आबू पर्वत मे तत्कालीन कॉंग्रेस शाषित नगरपालिका बोर्ड ( 2009 - 2014 ) के दौरान राज्य सरकार ने आदेशित किया था की 2014 के चुनावों से पूर्व स्टेट ग्रांट तथा 1991 के पट्टे जारी किए जाएँ । आदेश मे स्पष्ट लिखा है की 31.10.2014 तक जो भी पट्टे संबन्धित आवेदन आए हैं उनका निस्तारण किया जाए । तत्कालीन नगरपालिका अधिकारियों / कर्मचारियों ने अपनी हठधर्मिता के चलते केवल कुछ लोगों को ही लाभान्वित किया अतः कृपया आवेदित किए गए पट्टों के निस्तारण हेतु नगरपालिका को आदेशित कराएं । 


ग. टोकन प्रथा समाप्त करवाना - बिल्डिंग बाय लौज मे आंशिक रिपेयर रिनोवेशन की जो छूट प्रदान की गई है उसमे टोकन प्रथा के चलते आम जन को राहत नहीं मिल पा रही है जिससे आबू पर्वत के लोग अपनी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं और असहाय महसूस कर रहे हैं । यदि एक माह मे इन समस्याओं का निराकरण नहीं होता है तो असंतुष्ट जनता पूर्व की भांति आंदोलन करेगी तथा उस दौरान किसी भी अनहोनी या दुर्घटना की ज़िम्मेदारी सरकार की रहेगी । 


ज्ञापन 2
: यह ज्ञापन उपखंड अधिकारी (sdm) डॉ गौरव सैनी को दिया गया है जिसमे निम्न समस्याओं के निराकरण की मांग की गई है :

क. लंबे समय से जर्जर हुए मार्गों को ठीक करवाना ।
ख. दिलवाड़ा जैन मंदिर को खुलवाना 
ग. बाग बगीचों व नक्की झील परिक्रमा पर मौजूद पौधों हेतु जल उपलब्ध करवाना ।
घ. टोल नाके पर पर्यटकों से नगरपालिका द्वारा टैक्स लेने की एवज मे शहर मे उन्हें उचित पार्किंग व्यवस्था उपलब्ध करवाना ।

Umed Singh Rathore  , Arbud Samay
     

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