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अस्पताल परिसर में शव पर बिलखते परिजन |
माउंट आबू | मांच गाँव निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग रतनलाल टेलर ने ऑक्सिजन की कमी के चलते मंगलवार की सुबह करीब 10 बजे सरकारी अस्पताल के बाहर रखी सीमेंट बेंच पर प्राण त्याग दिये । हॉस्पिटल में इस समय वेक्सिनेशन चल रहा था और मरीजों की लंबी कतार को मात्र एक चिकित्सक डॉ तनवीर संभाल रहे थे ।
बात मानते तो बच सकते थे
डॉ तनवीर हुसैन के अनुसार "टेलर को 10 बजे हॉस्पिटल लाया गया था , मेने देखा तो डेथ हो चुकी थी । सोमवार मंगलवार की रात को 12:42 मेरे पास सुनील आचार्य का फोन आया की ग्लोबल मे बेड उपलब्ध नहीं हैं इसपर डॉ अक्षय से बातकर यह बताकर की वहाँ बेड व ऑक्सिजन दोनों उपलब्ध हैं मानसरोवर में व्यवस्था कारवाकर जाने को कहा । जबकी ग्लोबल से निकलकर परिजन मरीज को लेकर सीधे घर चले गए और साढ़े 9 घंटों बाद सुबह सरकारी हॉस्पिटल लेकर आए । मंगलवार को टेस्ट करवाया है , रिपोर्ट आने पर कन्फ़र्म होगा नेगेटिव थे या पॉज़िटिव । रात को कही बात मानते तो प्राण बच सकते थे । "
ऑक्सिजन दे सकते थे
पड़ोसी सुनील आचार्य के अनुसार " रात को रतन जी का ऑक्सिजन लेवल 88 था । उन्हें अस्थमा की शिकायत थी वहीं ग्लोबल में डॉक्टर ने कहा की कोरोना के लक्षण हैं । हालांकि उनका आरटीपीसीआर टेस्ट करवाया हुआ नहीं था । बेड उपलब्ध नहीं होने से उन्हें इंजेक्शन लगाकर घर भेज दिया गया । सुबह हॉस्पिटल लेकर गए जहाँ उनकी मृत्यु हो गई । सरकारी अस्पताल या एंबुलेंस में मौजूद ऑक्सिजन दी होती तो प्राण बच जाते । "
दोनों वेक्सीन लग चुकी थी
पड़ोसी साबिर कुरैशी ने बताया की " रात को उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी । ग्लोबल हॉस्पिटल मे उन्हें एमरजेंसी वार्ड मे ऑक्सिजन पर रखा । ग्लोबल मे बेड नहीं थे वहीं मानसरोवर कोविड सेंटर में बिना कोरोना पॉज़िटिव रिपोर्ट के भर्ती नहीं करते । में उनके साथ रात 11 से 2:30 बजे तक था । जब तक ऑक्सिजन लगी रही तब तक तबीयत ठीक थी । रतन जी को दोनों वेक्सीन लग चुकीं थीं ।
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