5 सालों से बिगड़ी स्थिति अब लगी सुधरने.. प्रशासक डॉ अंशु प्रीया के प्रयासों से लौटने लगी माउंट आबू की सुंदरता
माउंट आबू
करीब तीन महीनो पहले से माउंट आबू के विकास की बागडोर के प्रशासक के हाथ में आने के बाद से शहर निखरने लगा है । नव नियुक्त एसडीएम व प्रशासक डॉक्टर अंशु प्रिया ने विकास की कमान बखूबी संभाली है जिसका असर उद्यानों , साफ सफाई , पर्यटन आदि पर सीधा-सीधा नजर आने लगा है । जो काम जनता के द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों द्वारा 5 सालों में नहीं हुआ वह काम प्रशासक ने चंद दिनों में कर दिखाया ।
इन कार्यों में नक्की झील के मुख्य द्वार के नीचे काऊ कैचर के नाले की सफाई और विवेकानंद उद्यान की टूटी हुई दीवार को पुनः बनवाना शामिल है । बारिश के मौसम के दौरान झील के मुख्य द्वार पर पानी भर जाता था क्योंकि यहां के नाले की 5 सालों से सफाई नहीं हुई थी । इससे पर्यटकों को भारी तकलीफ का सामना करना पड़ता था । वही विवेकानंद स्वामी की मूर्ति को लगाने को लेकर विवेकानंद उद्यान की दीवार तोड़ी गई थी । 5 सालों तक यहां से गाय भैंसें बगीचे में घुसकर बेशकीमती फूलों के पौधों , सुंदर फूलों व घास को तबाह करती रही लेकिन जिम्मेदारों ने इस उद्यान पर दया नहीं की । डॉक्टर अंशु प्रिया के पदार्पण के साथ ही उद्यान की दीवार दुरुस्त करवा दी गई । साथ ही यहां सूर्य नमस्कार पॉइंट भी विकसित हो गया । उद्यान को गाय भैंसों आदि मवेशियों से सुरक्षा मिलने लग गई है और यह उद्यान भी आबू पर्वत की सुंदरता में चार चांद लगाने के लिए फिर जीवित हो रहा है ।वहीं पोलो मैदान से भी जब्त सामग्री हटनी शुरू हो गई है । पानी को तरसती क्यारियों में पानी डलने लगा है । नक्की झील की 5 सालों से टूटी पड़ी दीवारें भी पुनः बनने लगी है । अरावली होटल के पास सड़क के किनारे ऊबड़ खाबड़ रास्तों को भी सीमेंटेड किया जाकर पर्यटकों व आमजन को राहत पहुंचाने के प्रयास जारी हैं । ऐसे में आमजन यही दुआ कर रहा है कि जनता के साथ विश्वास घात कर अपनी खुद की जेब भरने वाले नेताओं से बेहतर तो प्रशासक ही हैं , जो जनता को अपना परिवार समझकर पूरी शिद्दत से राहत देने में लगे हैं ।
अर्बुद समय
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